independenceday-2016

पत्र सूचना कार्यालय

भारत सरकार

Ministry of Defence

रक्षा मंत्री का सशस्त्र बलों के नाम पारंपरिक प्रसारण

Posted On :14, August 2017 20:41 IST

71वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बल के जवानों के नाम रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा आकाशवाणी के माध्यम से किए गए पारंपरिक प्रसारण का मूल पाठ निम्नलिखित हैः-

 

मेरे प्रिय जवानों,

  1. हमारा देश कल 71वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, मैं सशस्त्र बलों में कार्यरत प्रत्येक जवान को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बलों के सभी सेवारत कर्मियों के साथ-साथ भूतपूर्व सैनिकों को भी शुभकामनाएं देता हूं। मैं सशस्त्र सेना बल के परिवार के सदस्यों को भी शुभकामनाएं देता हूं। इनमें से बहुत से जवान अपने परिवार से कोसों दूर न सिर्फ कठिन इलाकों में, बल्कि गहरे समुद्र में भी तैनात हैं।
  2. इस शुभ अवसर पर, मेरे विचार और आभार, अपने देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों के परि‍जनों के साथ हैं। हम उनके इस सर्वोच्च बलिदान के लिए सदा ऋणी हैं। चूंकि सशस्त्र बल हमारे राष्ट्र की सुरक्षा में सबसे आगे हैं, इसलिए मैं आपको आश्वासन देता हूं कि सरकार आपके मनोबल को ऊंचा रखने और आपकी कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव कार्य करेगी।
  3. पाक‍िस्‍तान द्वारा अधिकृत हमारी भूमि का उपयोग आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने और इस भूमि का उपयोग भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए लॉन्च पैड के तौर पर न करने के बारे में पश्चिमी पड़ोसी देश से कई बार अनुरोध करने के बावजूद, वह लगातार इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। अब हमारा धैर्य समाप्त हो गया है, क्योंकि ये आतंकवादी न सिर्फ हमारे सशस्त्र बलों को निशाना बना रहे थे, बल्कि आम नागरिक भी इनके निशाने पर थे। जम्मू-कश्मीर एवं अन्य राज्यों के विभिन्न महानगरों में घुसपैठ करने के उद्देश्य से नियंत्रण रेखा व उसके आसपास के इलाके को लॉन्च पैड के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी में बैठे आतंकवादियों के बारे में प्राप्त विश्वसनीय जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना ने आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ से पहले ही कार्रवाई करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष सितंबर माह में कई स्थानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ये आतंकवादी किसी भी हाल में नागरिकों को नुकसान पहुंचाने या उनकी जान को खतरे में डालने में सफल न हों। इन आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के दौरान, आतंकवादियों और उनको मदद पहुंचाने वाले कई लोगों को जान-माल का भी नुकसान उठाना पड़ा।
  4. वर्तमान में भी हमारे जवान देश की रक्षा के लिए नियंत्रण रेखा पर पूरी तरह चौकन्ने एवं सतर्क हैं क्योंकि हमारे विरोधियों द्वारा की जाने वाली घृणित कृत्य अभी भी जारी हैं। अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए वर्तमान में भी कुछ जवान अपना सर्वस्थ न्यौछावर करते रहे हैं। देश उनके इस बलिदान एवं त्याग के लिए सदा ऋणी रहेगा।
  5. सरकार हमारे जवानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार भत्तों के संबंध में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय ले चुकी है, जिससे सुरक्षा बलों के 14 लाख कर्मियों को फायदा होगा। इसमें अत्यंत जोखिम और कष्ट के लिए सियाचीन भत्ते को 14,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रतिमाह करना, उग्रवाद विरोधी कार्रवाई से जुड़े भत्ते को 3,000 से लेकर 11,700 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 6,000 से लेकर 16,900 रुपये प्रतिमाह तक करना आदि शामिल हैं। प्रादेशिक सेना भत्ता 175 से लेकर 450 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 1,000 से लेकर 2,000 रुपये प्रतिमाह तक कर दिया गया है।

 

  1. भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता रही है। वन रैंक वन पेंशन की योजना का लाभ पिछले वर्ष से भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों तक पहुंचने लगा है। इस वर्ष जुलाई तक करीब 20,40,000 भूतपूर्व सैनिक/फैमिली पेंशनरों और 15,93,000 पूर्व–सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के बकायों की पहली और दूसरी किस्तों के रूप में 4,156 करोड़ रुपये और 2,385 करोड़ रूपयों का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा वन रैंक वन पेंशन के बकाए की तीसरी किस्त के रूप में 15,13,000 पूर्व सैनिकों को 2,250 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। सरकार वन रैंक वन पेंशन के कार्यान्वयन से उत्पन्न किसी भी विसंगति का पता लगाने के लिए न्यायमूर्ति एल.नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व वाली एक सदस्यीय न्यायिक समिति की रिपोर्ट पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है और वह जल्दी ही कोई फैसला करेगी।

 

  1. सरकार ने गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/विधवाओं के लिए आवश्यकता अनुदान मौजूदा एक हजार रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 4,000 रूपये प्रतिमाह कर दिया है। पूर्व सैनिक एसोसिएशनों, राज्य सैनिक बोर्डों, पूर्व सैनिकों/विधवाओं सहित विभिन्न साझेदारों की मांग के बाद हमने आवश्यकता अनुदान बढ़ाने की मंजूरी दी। यह अनुदान गैर-पेंशनभोगियों, पूर्व सैनिकों/विधवाओं को प्रदान किया जा रहा है जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है। इससे बड़ी संख्या में गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/विधवाओं को लाभ मिलेगा जो वास्तव में गरीबी की अवस्था में हैं।

 

  1. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा के साथ, हमारे वास्तविक नायकों के लिए सम्मान की भावना पैदा करने में मदद के लिए, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने देशभर के एक हजार शैक्षणिक संस्थानों में ‘पराक्रम की चारदीवारी’ बनाने के लिए संयुक्त रूप से एक अभियान शुरू किया। परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों की प्रतिमाएं शैक्षणिक क्षेत्र के परिसरों में निर्धारित स्थानों पर दिखाई देंगी ताकि छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना पैदा हो सके।

 

  1. मुझे पिछले महीने नई दिल्ली के नारायणा में सैनिक रेस्ट हाउस का उद्घाटन करने का अवसर मिला। इसे करीब 8 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। मुझे उम्मीद है कि यह एक पहल की शुरूआत है और केएसबी आने वाले समय में इसका विस्तार कर सकेगी ताकि इस तरह की सुविधाएं पूर्व सैनिकों के लिए सुविधाओं का अभिन्न हिस्सा बन जाए, जिन सुविधाओं की व्यवस्था की गई है वह अत्यंत स्वच्छ और रहने लायक है। सशस्त्र सेनाओं की अपनी संपत्तियों को बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित रखने की परंपरा है। मुझे यकीन है कि जिस तरह के शुल्क तय किए गए हैं उससे सभी वर्तमान और पूर्व सैनिकों को काफी सहायता मिलेगी।

 

  1. इन शब्दों के साथ मैं एक बार फिर आप सभी को और आपके परिवार के सदस्यों को 71वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देता हूँ। हमने अपनी आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और आजाद देश बने जिसमें असंख्य देशभक्तों ने अपने प्राण नौछावर किए ताकि नई पीढ़ी स्वतंत्र भारत में रह सके। देश आपके पराक्रम और आपकी क्षमता और ताकत के साथ सीमाओं की रक्षा के लिए आपकी तरफ देख रहा है ताकि सभी लोग रात में चैन से सो सकें और नया सवेरा देख सकें तथा देश को शांति और समृद्धि की नई ऊंचाईयों तक ले जा सकें।   

 

 

जय हिन्द !

***

 

वीके/केपी/पीजी/डीए - 3397