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लाल किले पर स्‍वतंत्रता दिवस समारोह

Posted On :14, August 2017 20:35 IST

71वें स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कल लाल किले की प्राचीर पर राष्‍ट्रीय झंडा फहरायेंगे। तिरंगे के ध्‍वजारोहण के बाद श्री नरेंद्र मोदी राष्‍ट्र को संबोधित करेंगे।

रक्षा मंत्री श्री अरूण जेटली, रक्षा राज्‍य मंत्री श्री सुभाष भामरे तथा रक्षा सचिव श्री संजय मित्रा लाल किले के लाहौरी गेट पर प्रधानमंत्री का स्‍वागत करेंगे।

रक्षा सचिव प्रधानमंत्री से दिल्‍ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने का परिचय करायेंगे। इसके बाद दिल्‍ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) प्रधानमंत्री को सलामी स्‍थल तक ले जाएंगे, जहां अंतर सेवाओं तथा पुलिसकर्मी सयुंक्‍त रूप से प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। इसके उपरांत श्री नरेंद्र मोदी गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे।

गार्ड ऑफ ऑनर दल में थल सेना, वायु सेना, नौ सेना और दिल्‍ली पुलिस के प्रत्‍येक के क्रमश: एक अधिकारी व 24 सैन्‍यकर्मी शामिल होंगे। गार्ड ऑफ ऑनर दल की तैनाती प्राचीर के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के ठीक नीचे के स्‍थल पर की जाएगी।

इस वर्ष गार्ड ऑफ ऑनर दल का नेतृत्‍व भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल धीरज सिंह करेंगे। प्रधानमंत्री सुरक्षा के सैन्‍य दल का नेतृत्‍व मेजर सौरभ गोस्‍वामी करेंगे। लेफ्टिनेंट कमांडर वी.वी. कृष्‍णन भारतीय नौसेना दल का नेतृत्‍व करेंगे, जबकि स्‍कवाड्रन लीडर सलिल शर्मा वायुसेना दल का नेतृत्‍व करेंगे। एसीपी अंकित चौहान दिल्‍ली पुलिस दल को नेतृत्‍व प्रदान करेंगे।

8वीं जम्‍मू-कश्‍मीर लाइट इंफेंट्री (सियाचिन) से प्रधानमंत्री सुरक्षा गॉर्ड के लिए सैन्‍य दल को गठित किया गया है। स्‍वयंसेवकों के प्रथम बटालियन बॉर्डर स्‍काउट से यह  बटालियन गठित किया गया है। इन स्‍वयंसेवकों ने पूंछ में 18 दिसंबर 1947 को हुए कबालयी हमलों तथा सांप्रदायिक उन्‍माद को रोकने के लिए हथियार उठाये थे। युद्ध के दौरान पैदा हुए तथा रक्‍त से पवित्र किये गये इस बटालियन की पुनर्संरचना 15 अप्रैल, 1948 को 8वीं जम्‍मू-कश्‍मीर मिलिशिया के तौर पर की हुई।

1971 के युद्ध में यद्यपि दुश्‍मनों की संख्‍या से बटालियन के सैनिकों की संख्‍या से अधिक थी लेकिन दुश्‍मन की चांब पर कब्‍जा करने के जुनून के बावजूद इस बटालियन ने बहुत वीरता और पराक्रम के साथ रक्षात्‍मक युद्ध किया। इसके लिए बटालियन को लालेली और पिक्‍वेट 707 युद्ध पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। 27 अप्रैल, 1976 को इस बटालियन का पुनर्गठन जम्‍मू-कश्‍मीर लाइट इंफेंट्री के रूप में किया गया।

जून 1987 के सियाचिन अवधि के दौरान 21,153 फुट की ऊंचाई वाले विश्‍व के सर्वोच्‍च रणक्षेत्र पर स्थित क्‍वार्ड पोस्‍ट पर कब्‍जा करके इस बटालियन ने इतिहास रचा। परमवीर चक्र से सम्‍मानित नायब सूबेदार बाना सिंह के सम्‍मान में इस पोस्‍ट का नाम बदलकर ‘बाना चोटी’ रखा गया। बटालियन को वर्ष 2001 में जम्‍मू-कश्‍मीर के पूंछ सेक्‍टर में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्‍टॉफ यूनिट पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। बटालियन ने वर्ष 2006 में सुडान में संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशन की स्‍थापना की और इसके लिए इसे 2007 में संयुक्‍त राष्‍ट्र स्‍मारक पत्र से सम्‍मानित किया गया।

2008 में बटालियन के नायब सूबेदार चुन्‍नी लाल (वीर चक्र सेना पदक) जम्‍मू- कश्‍मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए। मरणोपरांत उन्‍हें अशोक चक्र से सम्‍मानित किया गया। इसके साथ ही इस ब‍टालियन को विशिष्‍ट (वीरों के वीर) बटालियनों की सूची में शामिल किया गया। जम्‍मू-कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर वीरतापूर्ण प्रदर्शन के लिए एक बार फिर से इस बटालियन को चीफ ऑफ आर्मी स्‍टॉफ यूनिट पुरस्‍कार, 2009 से सम्‍मानित किया गया।

वर्तमान में यह बटालियन भारतीय सेना की सबसे सुसज्जित बटालियन है, जिसमें नायब चुन्‍नी लाल, (अशोक चक्र (मरणोपरांत), वीर चक्र, सेना पदक) सबसे सु‍सज्जित सैनिक हैं। वर्तमान में यह बटालियन राष्‍ट्रपति के समारोह सैन्‍य गॉर्ड के रूप में कार्यरत है।

गॉर्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर प्रस्‍थान करेंगे, जहां उनका स्‍वागत रक्षा मंत्री श्री अरूण जेटली, रक्षा राज्‍य मंत्री श्री सुभाष भामरे, थल सेना अध्‍यक्ष बिपिन रावत, वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल बीडी धन्‍वा और नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल सुनील लांबा करेंगे। दिल्‍ली क्षेत्र  के जनरल कमांडिंग ऑफिसर प्रधानमंत्री को राष्‍ट्र ध्‍वज के मंच तक लेकर जाएंगे।

तिरंगा फहराने के बाद 2281 फील्‍ड रेजीमेंट द्वारा 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। समारोह सैन्‍य दल का नेतृत्‍व शौर्य चक्र, सेना पदक प्राप्‍त लेफ्निेंट कर्नल आदित्‍य कुमार देवरानी तथा गन पोजीशन ऑफिसर रेजीमेंट के हवलदार मेजर कोलेट राजेश श्रीपति करेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा राष्‍ट्रीय झंडा फहराये जाने के बाद थल सेना, वायु सेना, नौ सेना और दिल्‍ली पुलिस के प्रत्‍येक दल से क्रमश: एक अधिकारी व 32 सैन्‍यकर्मी प्रधानमंत्री को राष्‍ट्रीय सलामी देंगे। इंटर सर्विस गार्ड  और पुलिस गार्ड का नेतृत्‍व भारतीय सेना के ले. क. साकेत भारद्वाज करेंगे। नौसेना दल का नेतृत्‍व ले. क. एम. वाई. बी. तेजस, सैन्‍य दल का नेतृत्‍व मेजर जेरी मैथ्‍यू , वायु सेना दल का नेतृत्‍व स्‍क्‍वार्डन लीडर रवि तोमर तथा दिल्‍ली पुलिस दल का नेतृत्‍व अपर डीसीपी श्री राजीव रंजन करेंगे।

प्रधान मंत्री के ध्‍वजारोहण करने के दौरान राष्‍ट्रीय गार्ड राष्‍ट्रीय सलामी देंगे और सेना के बैंड राष्‍ट्र गान की धुन बजाएंगे। सभी सेनाओं के सैन्‍यकर्मी अपनी वर्दियों में सलामी देंगे। गढ़वाल राइफल रेजीमेंट सेंटर के सैन्‍य बैंड का नेतृत्‍व सूबेदार मेजर भास्‍कर सिंह रावत करेंगे।

प्रधानमंत्री के सलामी मंच के दोनों ओर कैप्‍टन मो. हसीब खान और ले. विनय बधवार तैनात होंगे। ले. कर्नल कंचन कुल्‍हारी ध्‍वजारोहण में प्रधनमंत्री की सहायता करेंगे।  

राष्‍ट्रीय ध्‍वज गार्ड के सैन्‍य दल को राजपूताना राइफल की 25वीं बटालियन से गठित किया गया है।

राजपूताना राइफल की 25वीं बटालियन 1 जनवरी, 1981 को फतेहगढ़ (उत्‍तर प्रदेश) में आईसी-15798, स्‍वर्गीय ले. कर्नर जे.वी. अब्राहम के द्वारा गठित की गई। राजपूत तिरंगा पहली बार इस इकाई के क्‍वार्टर गार्ड पर 6 अप्रैल, 1981 को फहराया गया और इस इकाई को 1 नवबंर, 1987 को कलर्स प्रदान किया गया। तैयारी की समाप्ति के उपरांत इस बटालियन ने 24 जुलाई, 1981 को अलवर में 20 इंफेंट्री ब्रिगेड (18 इंफेंट्री डिवीजन) के रूप में सेवा प्रारंभ की।

अपने गठन से ही यह बटालियन भारतीय सेना के सभी ऑपरेशनों में शामिल होती रही है जैसे ऑपरेशन फौलाद, ऑपरेशन ट्राइडेंट, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन रिहनो, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन पराक्रम, ऑपरेशन अमन, ऑपरेशन नॉदर्न बॉर्डर और ऑपरेशन मेघदूत। इस दौरान यह बटालियन निम्‍न पुरस्‍कारों से सम्‍मानित हुआ: परम विशिष्‍ट सेवा पदक – 01, अति विशिष्‍ट सेवा पदक – 03, विशिष्‍ट सेवा पदक – 01, युद्ध सेवा पदक – 02, सेना पदक – 07, मेंशन इन डिसपेचिज – 01, चीफ ऑफ आर्मी स्‍टॉफ कोमेनडेशन कार्ड – 47, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्‍टॉफ कोमेनडेशन कार्ड – 07 और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ कोमेनडेशन कार्ड – 41।

बटालियन को 2015 और 2017 में क्रमश: अलवर तथा सियाचिन ग्‍लेशियर में उत्‍कृष्‍ठ प्रदर्शन के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के दक्षिणी और उत्‍तरी कमांड स्‍मारक पत्र से सम्‍मानित किया गया। इस इकाई का युद्ध उद्घोष है- ‘बोल बजरंग बली की जय, हनुमान के हम प्‍यारे’।

राष्‍ट्र ध्‍वज को फहराने के बाद प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के पश्‍चात स्‍कूली छात्र और एनसीसी कैडेट राष्‍ट्रगान गायेंगे।

इस वर्ष राष्‍ट्रीय कैडेट कोर के थल, वायु और नौ सेना के विभिन्‍न स्‍कूलों के 700 कैडेट राष्‍ट्र ध्‍वज के फहराये जाने के समारोह में शामिल होंगे। कैडेट स्‍कूली बच्‍चों के साथ राष्‍ट्रगान और देशभक्ति गीत गायेंगे। दिल्‍ली सरकार के अंतर्गत शिक्षा निदेशालय के 37 स्‍कूलों से 3500 छात्राएं और 5000 छात्र राष्‍ट्रगान गायेंगे। समारोह के दौरान ये छात्र विभिन्‍न क्षेत्रीय भाषाओं में देशभक्ति गीत भी गायेंगे। इस अवसर पर स्‍कूली बच्‍चे भारत के मानचित्र का प्रदर्शन करेंगे।         

 

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