“हमारा गाँव, हमारा किसान -ये हमारे देश
की अर्थव्यवस्था की एक मज़बूत धुरी हैं ” “न्यू इंडिया, नयी संभावनाओं, नये अवसरों का भारत. न्यू इंडिया, लहराते
खेत, मुस्कुराते किसानों का भारत” “भ्रष्टाचार, काला धन पूर्णतः नष्ट होना चाहिये, इसके लिए और कठोर
कदम उठाने चाहिये तो उठाने चाहिये”
Press Information Bureau(Government of India)
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देश जब दीवाली मना रहा था, तब मैं सियाचीन गया था। क्योंकि उन्हीं की बदौलत तो हम दिवाली
मना पा रहे हैं, तो मैं उनके बीच गया था। कितनी कठिनाइयों में वो जीवन गुजारा करते
हैं, उसका अनुभव मैंने किया। मैं देश की रक्षा करने वाले जवानों को सैल्यूट करता हॅूं।
अगर परिवार में हर प्रकार के फैब्रिक्स का शौक है, हर प्रकार के कपड़ों का शौक है, तो ये नियमित होना चाहिए और ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि अगर आप खादी का वस्त्र खरीदते हैं तो एक गरीब के घर में दीवाली का दीया जलता है।
देश के किसान का नाता, ज़मीन से जितना है, उतना ही देश के जवान का भी है। कारगिल युद्ध में, हमारा एक-एक जवान, सौ-सौ दुश्मनों पर भारी पड़ा।
एक समय था, खादी फॉर नेशन (Khadi for Nation). क्या समय का तकाज़ा नहीं है कि खादी फॉर फैशन (Khadi for Fashion) - और लोगों को मैंने आग्रह किया था कि आप खादी खरीदिये। थोडा बहुत कीजिये। आज मैं बड़े संतोष के साथ कहता हूँ कि पिछले एक वर्ष में करीब-करीब खादी की बिक्री डबल हुई है।
हम, एक समाज के रूप में, राष्ट्र के रूप में, अपना स्वभाव बनाएँ, हमारी प्रकृति बनाएँ। कोई भी उत्सव हो, त्योहार हो, खुशी का माहौल हो, हमारे देश के सेना के जवानों को हम किसी-न- किसी रूप में ज़रूर याद करें।
“किसान सुविधा App” आप सब की सेवा में प्रस्तुत किया है। ये “किसान सुविधा App” के माध्यम से अगर आप उसको अपने Mobile-Phone में download करते हैं तो आपको कृषि सम्बन्धी, weather सम्बन्धी बहुत सारी जानकारियाँ अपनी हथेली में ही मिल जाएगी।
सेना के जवान सिर्फ़ सीमा पर नहीं, जीवन के हर मोर्चे पर खड़े हुए पाए जाते हैं। प्राकृतिक आपदा हो, कभी क़ानूनी व्यवस्था के संकट हों, कभी दुश्मनों से भिड़ना हो, कभी ग़लत राह पर चल पड़े नौजवानों को वापिस लाने के लिये साहस दिखाना हो - हमारे जवान ज़िंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं।
हमें हमारी सेना पर भरोसा है। वे अपने पराक्रम से ऐसी हर साज़िश को नाकाम करेंगे और देश के सवा-सौ करोड़ देशवासी सुख-चैन की ज़िंदगी जी सकें, इसके लिए वो पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले लोग हैं। हमारी सेना पर हमें नाज़ है।
मैं गाँधी जयंती से दीवाली तक, खादी का कुछ-न-कुछ खरीदने के लिये तो आग्रह करता ही रहता हूँ। इस बार भी मेरा आग्रह है कि हर परिवार में कोई-न-कोई खादी की चीज़ होनी चाहिये, ताकि ग़रीब के घर में दीवाली का दिया जल सके।
लोकतंत्र की सफलता जन भागीदार से भागीदारी से ही है।
सब समस्याओं का समाधान हम सब मिलकर ही कर सकते हैं। जो सरकार में नहीं हैं उनके पास भी अनेक अच्छे सुझाव होते हैं, बुद्धि -प्रतिभा होती है, काम करने के लिए एक मूड होता है। और इसलिए मेरी हमेशा कोशिश है कि जन-भागीदारी से कैसे चीजों को आगे चलाया जाए।
हमारा देश का इतिहास वृहद, व्यापक; एक ऐसा इतिहास, जो नये रूप और संदर्भों में बार-बार लौटता है और हमें मजबूर करता है कि हम अपनी आंखें खोलें और अपने राष्ट्र की गौरवशाली संस्कृतिक परम्परा को पहचानें।
बात चाहे खेल की हो या अंतरिक्ष-विज्ञान की - हमारे देश की महिलायें किसी से पीछे नहीं हैं। क़दम से क़दम मिला करके आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन कर रही हैं।
8 मार्च पूरा विश्व महिला दिवस मनाता है। भारत में भी बेटियों को महत्व देने, परिवार और समाज में उनके प्रति जागरूकता बढ़े, संवेदनशीलता बढ़े। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ ये आन्दोलन तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है।
जब हम 8 मार्च को ‘महिला दिवस’ मनाने वाले हैं, तब हमारा एक ही भाव है: -
“महिला, वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है,
न ज़्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है”
Coast Guard देश में निर्मित अपने सभी 126 ships और 62 aircrafts के साथ विश्व के 4 सबसे बड़े Coast Guard के बीच अपना स्थान बनाए हुए है।
हमारे देश में Coast Guard में सिर्फ़ पुरुष नहीं हैं, महिलायें भी कन्धे से कन्धा मिला कर समान रूप से अपनी जिम्मेवारियाँ निभा रहीं हैं और सफलतापूर्वक निभा रहीं हैं।
व्यक्ति की ऊंचाई ऐसे समय कसौटी कसने पर पता चलता है, कैसा महानतम व्यक्तित्व होगा। हम शिवजी को जब उनकी महानता की चर्चा सुनते हैं तो कहते है जहर पी लिया था। बाबा साहेब अम्बेडकर ने जीवन में हर पल जहर पीते-पीते भी हम लोगों के लिए अमृत वर्षा की थी।
इस देश के वीरों ने वो ताकत दिखा दी थी कि फांसी के फंदे कभी कम पड़ जाते थे, लेकिन मरने वाले देश के लिए शहादत देने वालों की संख्या कभी कम नहीं हुआ करती थी। अनगिनत बलिदानों का प्रणाम था कि भारत मां हमारी आजाद हुई है।
हमें सौभाग्य मिला नहीं उस आजादी के आंदोलन में अपनी जिंदगी खपाने का, लेकिन हमें मौका मिला है, देश के लिए मरने का मौका न मिला, देश के लिए जीने का मौका मिला है।