सरदार वल्लभ भाई पटेल की 142वीं जयंती के अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज नई दिल्ली में, ‘गांधीवादी व राष्ट्रवादी: सरदार पटेल का जीवन व कार्यकाल’ विषय पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन तथा तीन मूर्ति भवन में सरदार पटेल पर आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का आयोजन नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी द्वारा किया गया है, जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में सरदार पटेल को हमेशा एक आदर्श व्यक्ति माना है। प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए उन्होंने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को बधाई दी। सरदार पटेल महात्मा गांधी के पक्के अनुयायी थे और देश की सेवा उनकी प्राथमिकता थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरदार पटेल ने हमारे देश को टुकड़े होने से बचाया और 562 देशी रियासतों का एकीकरण किया। रियासतों के एकीकरण के दौरान न तो कोई विद्रोह हुआ और न ही कोई लड़ाई हुई। उनका विश्वास था कि सम्पूर्ण विकास के लिए कृषि को मजबूत बनाया जाना आवश्यक है। भारत के एकीकरण से संबंधित सरदार पटेल के विजन की प्रेरणा से अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा का निर्माण किया गया। सरदार पटेल का जीवन विशेषकर युवा पीढ़ी समेत सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। वे हमारे देश की एकता के प्रति कृतसंकल्प थे।
अपने संबोधन में डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि सरदार पटेल लौह पुरूष के नाम से लोकप्रिय हैं। वे सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने 562 देशी रियासतों का भारत में एकीकरण किया। सरदार पटेल को राष्ट्रवाद उनके पिता से विरासत में मिला। मंत्री महोदय ने उपस्थित जनसमूह से अपील करते हुए कहा कि उन्हें नई दिल्ली के मथुरा रोड पर स्थित नेशनल साइंस म्यूजियम में सरदार पटेल के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी को देखने जाना चाहिए।
*****
वीएल/जेके/एसकेपी-5245