लक्ष्‍य और उपलब्धियां

प्रधानमंत्री का स्‍वतंत्रता दिवस 15 अगस्‍त, 2015 का संबोधन

 

क्र.सं.

वादे

उपलब्धि

 

 

 

 

01

प्रधानमंत्रीजन-धन योजना

मेरे देश वासियों आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि हमने नियत समय सीमा के अंदर वह लक्ष्‍य हासिल कर दिय है। 17 करोड़ लोगों ने प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत अपने बैंक खाते खेले हैं। गरीबों को असर प्रदान करने के उद्देश्‍य से हमने कहा था कि ये बैंक खाते जीरो बैलेंस से खोले जा सकते हैं। हमने यह भी कहा था कि हम बैंकों की संचालन लागतों का वहन करेंगे। आखिरकार बैंक किसलिए हैं? बैंकों को गरीबों के लिए होना चाहिए और इसीलिए हमने जीरो बैलेंस के साथ खाते खोलने का निर्णय लिया था। हम अपने देश की पहुंच को देश चुके हैं लेकिन अबकी बार हमने अपने गरीब लोगों और उनके धन को देखा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा  28 अगस्त, 2014 को शुभारंभ किया गया।

सभी परिवारों के वित्तीय समावेशन का लक्ष्य

जुलाई 2018 तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 32 करोड़ से भी अधिक खाते खोले गए

ग्रामीण/ अर्द्ध शहरी बैंक शाखाओं में लाभार्थियों की संख्या लगभग 19 करोड़

शहरी मेट्रो केंद्रों की बैंक शाखाओं में लाभार्थियों की संख्या 13 करोड़ से अधिक

जुलाई 2018 तक कुल जमा राशि 80,093 करोड़ रुपये से अधिक

●24 करोड़ से अधिक रुपे कार्ड जारीकिए गए (जुलाई 2018 तक)

रुपे कार्ड वाले लाभार्थी 1 लाख रुपये का निजी दुर्घटना बीमा एवं 30,000 रुपये का जीवन बीमा कवर पाते हैं।

बैंकों द्वारा 1.26 लाख से अधिक बैंक मित्र नियुक्त किए गए।

 

 

 

 

 

 

02

सर्वोधिक गरीब के लिए सामाजिक सुरक्षा

यह देश को तेजी से विकास की ऊंचाइयों पर ले जाती है और इसलिए हमारा इरादा इसे गति देने का है।हमने सामाजिक सुरक्षा और गरीब के कल्‍याण पर भी बहुत अधिक बल दिया है और इस तरह प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योंति बीमा योजना लांच की गई है। अपने देश के करोड़ों लोगों को किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा कवर नहीं है। गरीब को अलग रखें तो बीमा का लाभ निम्‍न मध्‍यम वर्ग तक भी नहीं पहुंचा है इसलिए हमने एक योजना बनाई-हर महीने केवल एक यपया दें, इससे अधिक नहीं यह प्रतिवर्ष 12 यपये होता है और इससे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लाभ लेने का पात्र बनें। यदि आपका परिवार किसी आपदा का सामना कर रहा है तो उसे 2लाख यपये प्राप्‍त होंगे। हम जानते हैं कि अर्थव्‍यवस्‍था को किस तरह से प्रबंधित किया जा सकता है। इसीलिए प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना एक दिन में 90 पैसे से षुरू की। 1 रूपये से भी कम में। इस तरह किसी परिवार के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए यह 330 सालाना होता है और परिवार की सुरक्षा के लिए 2 लाख रूपये का बीमा होता है। यह काम हमने किया है। 

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना

 

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 23.04.2018 तक 13 करोड़ से अधिक लोग नामांकित किए गए।

 

प्राप्त 22,000 से अधिक दावों में से कुल 17,000 से अधिक दावे 23.04.2018 तक निपटाए गए ।

 

अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

 

•9 मई 2015 को प्रारंभ हुई योजना के तीन वर्ष पूरे होने पर सदस्‍यों की संख्‍या 1 करोड़ के पार चली गई।

 

वर्तमान में सदस्‍यों की संख्या 1.10 करोड़है (मई 2018 तक)।

 

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

 

•23.04.2018 तक कुल नामांकन 5.3382 करोड़ था ।

 

•23.04.2018 तक प्राप्त 1 लाख से अधिक दावों में से 92,000 से अधिक दावे निपटाए गए।

 

 

 

 

 

 

03

स्‍वच्‍छ भारत

करोड़ों ऐसे परिवार भारत में हैं जिनके बच्‍चे 5, 10 और 15 वष्‍र्ज्ञ की उम्र के हैं और ये बच्‍चे स्‍वच्‍छ भारत अभियान के बड़े एंबेसटर बने हैं। ये बच्‍चे अपने अभिभावकों को घरों में गंदगी फैलाने से रोकते हैं और उनसे इघर-उधर गंदगी और कचरा न फैलाने की बात कहते हैं। यदि किसी पिता को गुटका खाने की लत हो, और पिता थूकने के लिए कार की खिड़की खोलता है, तो उसका बेटा भारत को स्‍वच्‍छ रखने के ख्‍याल से पिता को ऐसा करने से रोकता है। इन नन्‍हें बच्‍चों के कारण यह कार्यक्रम सफल हुआ है। मैं देश के भविष्‍य के प्रति शीश झुकाता हॅूं और इन बच्‍चों को बघाई देना चाहता हूँ।

महात्मा गांधी के ‘स्वच्छ एवं स्‍वस्‍थ भारत’ के स्वप्न को साकार करने के लिए 2.10.2014 को शुभारंभ किया गया।

 

स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत से लेकर अब तक 7.82 करोड़ से भी अधिक घरों में शौचालयों का निर्माण किया गया है।

 

अब तक लगभग चार लाख गांव, 417 जिले एवं 19 राज्य ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित किए गए हैं।

 

व्यक्तिगत शौचालय के लिये प्रोत्साहन राशि बढ़ा कर 12,000 रुपये कर दी गई है।

 

अब तक देश में कुल स्वच्छ्ता कवरेज 88 प्रतिशत का भी आंकड़ा पार कर चुकी है। 

 

स्वच्छ भारत मिशन की प्रमुख परियोजना स्वच्छ दर्शनीय स्थल (एसआईपी) के तीसरे चरण के अंतर्गत 10 नये दर्शनीय स्थलों का कार्य हाथ में लिया गया है । ये दर्शनीय स्थल प्रथम एवं द्वितीय चरण के अंतर्गतचयनित 20 दर्शनीय स्थलों, जहां पहले से ही विशेष स्‍वच्‍छता कार्य जारी है, में शामिल हो गए हैं।

 

पांच राज्‍यों के 52 जिलों में गंगा के किनारेस्थित 4,480 गांवों को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) गांव घोषित किया गया है।

 

04

एलपीजी सब्सिडी का प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण

हमने एलपीजी सब्सिडी की प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण्‍ योजना लागू की। जनधन खातों और आधर कार्ड का लाभ उठाते हुए हमने खातें में सीधे ही सब्सिडी हस्‍तांतरित की। इसके परिणामस्‍वरूप ब्रोकर, बिचौलिए और कालाबाजारिए गायब हो गए। इससे केवल वास्‍तविक लाभार्थियों को ही लाभ पहुंचा। हमारी सरकार ने किसी के भी खातों से न तो एक भी पैसे की कटौती की और न ही हमने प्रशंसा प्राप्‍त करने के लिए घोषणाएं की। हमने केवल व्‍यवस्‍था में सुधार किया। आज मैं 1.25 बिलियन भारतीयों की टीम इंडिया को यह जानकारी देना चाहता हूँ कि इस योजना के परिणामस्‍वरूप गैस सिलेंडरों के नाम पर प्रति वर्ष साफ की जा रही 15000 करोड़ रुपये की राशि रुक गई है। मेरे देशवासियों भ्रष्‍टाचार समाप्‍त हो गय है।

एलपीजी सब्सिडी का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी)

 

दुनिया का सबसे बड़ा नकद अंतरण कार्यक्रम

 

सब्सिडी के तौर पर अब तक बैंक खातों में सीधे 69815 करोड़ रुपये हस्तांतरित 

 

●2014-17 तक अनुमानित सब्सिडी बचत 29,446 करोड़ रुपये

 

 

 

 

05

प्रति बूंद अधिक फसल

कृषि क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन लाने की जरूरत है। खेती की जमीन कम हो रही है इसका परिवारों में बंटवारा हो रहा है और जमीन के टुकड़े छोटे होते जा रहे हैं। हमारी कृषि भूमि की उर्वरकता और उत्‍पादकता बढ़नी चाहिए। किसनों को पानी और बिजली की जरूरत है और हम इन्‍हें उपलब्‍ध कराने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 50 हजार करोड़ रुपये डालने का निर्णय लिया है।  

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)

 

कृषि उत्पादकता बढ़ाने एवं देश में उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल का एक राष्ट्रीय मिशन

 

●‘हर खेत को पानी’ के लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है

 

प्राथमिकता वाली 99 परियोजनाओं को पूरा करने के लिये 40,000 करोड़ रुपये (2016-17 एवं 2017-18 के बजट में) का दीर्घकालिक सिंचाई कोष बनाया गया। 

 

सूक्ष्म सिंचाई की कवरेज बढ़ाने के लिये 5000 करोड़ रुपये का समर्पित सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जा रहा है।

 

●“प्रति बूंद अधिक फसल” नामक पहल के अंतर्गत लगभग 1 मिलियन हेक्टेयर भूमि  को पहले ही ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के तहत कवर किया जा चुका है । अगले पांच वर्षों में यह प्रयास कई गुना बढ़ाते हुए इसके तहत 10 मिलियन हेक्टेयर भूमि को कवर किया जाएगा, ताकि कम पानी का उपयोग कर अधिक उत्पादकता हासिल की जा सके।

 

 

06

ग्रामीण विद्युतीकरण

भाइयो एवं बहनो, आने वाले दिनों में मैं एक मुद्दे पर ध्‍यान चाहता हूँ। स्‍वतंत्रता प्राप्ति के बाद अनेक वर्ष बीत चुके हैं लेकिन आज भी देश में लगभग 18 हजार 5 सौ गांव ऐसे हैं जहां बिजली के तार और खम्‍भे अभी तक नहीं पहुंचे हैं। 18 हजार 5 सौ गांव आजादी के सूरज से बंचित हैं। वे स्‍वतंत्रता के प्रकाश से भी महरुम हैं। वे स्‍वतंत्रता के विकास की किरणों से भी वंचित हैं अगर हम पुराने तरीकों का ही अनुकरण करते रहेंगे तो इन 18 हजार 5 सौ गांवों तक बिजली के खंभे और तार पहुंचने में कम से कम 10 से अधिक वर्ष लगेंगे। देश इस कार्य के लिए 10 वर्षों तक प्रतीक्षा करने के लिए तैयार नहीं है।

मैंने सरकार के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और उनसे इस कार्य के बारे में समय-सीमा के बारे में पूछताछ की। कुछ ने इस कार्य को 2019 तक पूरा करने का वायदा किया तो कुछ ने 2022 तक पूरा करने का आश्‍वासन दिया। कुछ अधिकारी घने बनों या बर्फ ढकी पहाडि़यों के कारण कुछ बताने में झिझकते रहे। कुछ ने विशेष क्षेत्रों तक पहुंच न होने के कारण शंका जाहिर की लेकिन अब यह 1.25 करोड़ दशेवासियों की टीम इंडिया ने यह शपथ ली है कि इन 18हजार 5 सै गांवों तक बिजली के खंभे, बिजली के तार और बिजली उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य अगले 1000 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। मैं, राज्‍यों से आगे बढ़ने और इस चुनौती को स्‍वीकार करने का अनुरोध करता हॅूं। यह काम हर राज्‍य में लंबित नहीं है। केवल कुछ राज्‍यों को ही इस दिशा में आगे आना होगा। मैं, ऐसे राज्‍यों के नाम गिनाना नहीं चाहता क्‍योंकि इसे राजनीतिक रूप से देखा जाएगा और इस पर राजनीतिक टिप्‍पणियां की जाएंगी। इसलिए इसे नजरअंदाज करना ही बेहतर है। मैं इसलिए 1.25 करोड़  देशवासियों की टीम इंडिया द्वारा लालकिले से शपथ लेने की घोषणा करता हॅूं कि राज्‍यों और स्‍थानीय निकायों की सहायता से इन 18 हजार 5 सौ गांवों को अगले 1000 दिनों में बिजली उपलब्‍ध करा दी जाएगी।    

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई)

 

प्रधानमंत्री द्वारा 25.07.2015 को शुभारंभ किया गया।

 

विश्वसनीय, पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति से 100% ग्रामीण विद्युतीकरण। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में उप-पारेषण एवं वितरण अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने पर फोकस किया जाता हैऔर इसके साथ ही फीडर को अलग रखने (ग्रामीण परिवार एवं कृषि) पर भी विशेष जोर दिया जाता है।

 

कुल 597,464 गांवों में से समस्‍त 597,464 गांवों (100%) का विद्युतीकरण हो चुका है 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

07

स्‍टार्टअप इंडिया

भाइयो और बहनो, हमारी युवाशक्ति 21 वीं सदी में देश को आगे ले जाने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है। मैं यह घोषणा करना चाहता हॅूं कि हमें पूरी दुनिया की तुलना में आगे बढ़ना है तो हमें अपने युवाओं को प्रोत्‍साहित करना होगा। हमें उन्‍हें अवसर उपलब्‍ध कराने होंगे। हमारे युव कैसे नये उद्यमियों द्वारा स्‍टार्टअप का पूरा नेटवर्क हो। हिन्‍दुस्‍तान का कोई भी जिला कोई भी ब्‍लॉक ऐसा नहीं होना चाहिए जहां आने वाले दिनों में स्‍टार्टअप शुरू न किए गए हों। क्‍या भारत का यह सपना नहीं होना चहिए कि वह विश्‍व में स्‍टार्टअप का पहले नंबर का देश बन जाए। आज हम इस स्थिति में नहीं हैं। भाइयों और बहनो, मुझे स्‍टार्टअप को ताकत उपलब्‍ध करानी है। इसलिए यह मेरा संकल्‍प है कि आने वाले दिनों में देश के भविष्‍य के लिए स्‍टार्टअप इंडिया और स्‍टैडअप इंडिया होंगे। देश के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए स्‍टैंडअप इंडिया की शुरुआत की जाएगी। जब मैं स्‍टार्टअप इंडिया और स्‍टैंडअप इंडिया से संबंधित काम के लिए आगे बढ़ना चाहता हूँ तो हमारे देश में बैंक अधिकारियों ने एक बहुत भारी कार्य किया है जब आप अच्‍छा काम करते हैं तो मेरी उम्‍मीदें बहुत बढ़ जाती हैं।

स्टार्ट-अप इंडिया

 

देश में नवाचार एवं स्टार्टअप्‍स को प्रोत्साहन देने हेतु एक अनुकूल परितंत्र तैयार करने के लिए 16 जनवरी, 2016 को शुभारंभ हुआ। 

 

स्टार्ट-अप इंडिया हब ने स्टार्ट-अप्‍स से टेलीफोन, ई-मेल एवं ट्विटर के माध्यम से प्राप्त लगभग 1,00,926 प्रश्नों का समाधान किया है।

 

एल एंड डी डेटाः

क)                     लर्निंग प्‍लेटफार्म पर लॉग-इन करने वाले यूजर्स : 217428

ख)                     100%पाठ्यक्रम पूरा करने वालेः 10561

ग)                       50% पाठ्यक्रम पूरा करने वालेः 4063

 

योजना के अंतर्गत स्वीकृत कुल स्टार्टअपः 11,129

 

कर लाभ प्राप्त करने वाले कुल स्टार्टअपः 88

 

स्टैंड-अप इंडिया

 

●10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के ऋणों की सुविधा प्रदान कर महिलाओं, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों में उद्यमिता को सहायता प्रदान करने के लिए 5.4.2016 को शुभारंभ हुआ। योजना का लक्ष्य कम-से-कम 2.5 लाख उद्यमियों को लाभ पहुंचाना है।

योजना के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने 28.02.2018 तक अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं महिला कर्जदारों को 54,733 ऋण स्वीकृत किये हैं।

08

एक रैंक एक पेंशन

प्रधानमंत्री के रूप में पद भार संभालने के बाद मैं यह काम करने के लिए अभी तक समर्थ नहीं हुआ हूँ। आज मैं एक बार फिर सभी सैन्‍य कर्मियों को यह आश्‍वासन देना चाहता हॅूं कि यह एक आदमी द्वारा नहीं बल्कि 125 करोड़ लोगों की टीम इंडिया की ओर से ऐसा कह रहा हूँ।  मैं लाल किले की प्राचीर से तिरंगे के नीचे यह कह रहा हूँ कि मैंने संद्धांतिक रूप से एक रैंक एक पेंशन को स्‍वीकार कर लिया है लेकिन इसके संगठनों के साथ बातचीत चल रही है। यह बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है और पूरे देश के विकास को देखते हुए हम चाहते हैं कि सभी को न्‍याय मिले। उपरोक्‍त संदर्भ में हमें पिछले 20-25 सालों से लटके इस समस्‍या का समाधान ढूढ़ना है। मुझे विश्‍वास है कि जिस विश्‍वास के साथ बातचीत हो रही है इसका कुछ सकारात्‍मक परिणाम निकलेगा। इसलिए मैं एक बार फिर यह आश्‍वासन देता हूँ कि सरकार ने एक रैंक एक पेंशन को सिद्धांत रूप से स्‍वीकार कर दिया है। इसकी महत्‍वपूर्ण स्थिति को घ्‍यान में रखते हुए कैसे लागू किया जाए। इस बारे में हम इसके हितधारकों को शामिल करकके बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं। 

 

चार दशक बाद लागू, जैसे कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की। 

 

सीजीडीए से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार “वन रैंक वन पेंशन”की बकाया राशि की प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ किस्‍त के रूप में क्रमशः 4,172.64 करोड़, 2,397.22 करोड़, 2,322.91 करोड़, 1,902.63 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया ।

 

इन चार किस्‍तों की अदायगी के दौरान क्रमशः 20,60,220 पूर्व सैनिक/ पेंशनभोगी परिवार,15,94,311 पूर्व सैनिक,15,76,478 पूर्व सैनिक एवं 13,56,212 पूर्व सैनिक लाभार्थी रहे हैं।

 

●10,795.4 करोड़ रुपये की कुल बकाया राशि अदा की गई (30.09.2017 तक की स्थिति एवं 01.05.2018 तक संकलित)।