अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के कल्याण के लिए विशेष प्रयास : कपड़ा मंत्री
कपड़ा मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पांच राज्यों में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के साथ बातचीत की
कपड़ा मंत्रालय ने अम्बेडकर जयंती मनाया
भारतीय
संविधान के
निर्माता डॉ.
बी.आर. अम्बेडकर
की 126वीं जयंती
के अवसर पर,
केंद्रीय
कपड़ा मंत्री
श्रीमती स्मृति
जुबिन इरानी
ने देश के
विभिन्न
क्षेत्रों के
अनुसूचित
जाति से संबंधित
लाभार्थियों
को मंत्रालय
की कल्याणकारी
योजनाओं के
तहत लाभों का
वितरण किया।
नई दिल्ली के
विज्ञान भवन
में आयोजित एक
विशेष कार्यक्रम
में मंत्री
महोदया ने दिल्ली
में समारोह
में उपस्थित
लाभार्थियों
के अतिरिक्त, वीडियो
कांफ्रेंसिंग
के माध्यम से
पांच राज्यों
में विभिन्न
स्थानों पर
हथकरघा
बुनकरों,
हस्त शिल्प
कारीगरों, रेशम
उद्यमियों एवं
कौशल विकास
प्रशिक्षुओं
के साथ बातचीत
की।
मंत्री
महोदया ने
ओडिशा के एक
बुनकर के
साक्ष्य का
स्मरण किया,
जो
प्रधानमंत्री
मुद्रा योजना
की मदद से अपनी
मासिक आमदनी
को 4,000 रूपये
से बढ़ाकर 8,000
रूपये कर पाने
में समर्थ हो
पाया। उन्होंने
इंदौर के एक
श्रमिक के
पुत्र की
कहानी का भी
जिक्र किया,
जो आईएसडीएस
के तहत नौकरी
पाने में
समर्थ हुआ तथा
अब एक बेहतर
भविष्य का स्वप्न
देखने में
सक्षम है। श्रीमती
इरानी ने
बरेली की एक
लड़की के बारे
में भी बताया
जिसने मंत्री
महोदया तथा
समारोह में
उपस्थित अन्य
व्यक्तियों
के समक्ष वीडियो
कांफ्रेंसिंग
के माध्यम से
उन्नत
कारीगर
टूल-किट के
लाभों को
प्रदर्शित
किया।
श्रीमती
इरानी ने उसे
एक इंस्ट्रक्टर
बनने के लिए
भी प्रोत्साहित
किया तथा
अधिकारियों
को निर्देश
दिया कि वे
अन्य
कारीगरों को
उन्नत
टूल-किट के
लाभों को
संप्रेषित
करने के उसके
कौशल का उपयोग
करें। उन्होंने
कहा कि डॉ. अम्बेडकर
ने एक ऐसे
भारत का स्वप्न
देखा जहां हर
भारतीय अपने
खुद के
ईमानदार प्रयासों
तथा शिक्षा के
माध्यम से
राष्ट्र
निर्माण में
सहयोग देने
में सक्षम हो।
श्रीमती
इरानी ने
कपड़ा
क्षेत्र से
जुड़े प्रत्येक
व्यक्ति की
ऐसे लोगों के
आर्थिक सशक्तिकरण
में उनके
योगदान के लिए
सराहना की।
इस अवसर पर
कपड़ा
मंत्रालय के विकास
आयुक्त (हथकरघा)
एवं सामाजिक
न्याय एवं
अधिकारिता
मंत्रालय के
राष्ट्रीय
अनुसूचित
जाति वित्त
एवं विकास
निगम के बीच एक
समझौता
ज्ञापन पर हस्ताक्षर
किया। श्रीमती
इरानी ने कहा
कि यह समझौता
ज्ञापन सरकार
के भीतर सहयोग
का एक महान
उदाहरण है। मंत्री
महोदया ने कहा
कि यह साल ‘गरीब
कल्याण वर्ष’
के रूप में
मनाया जा रहा
है और
प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र
मोदी के
नेतृत्व में
सरकार के
लोगों के साथ
आधार एवं
मुद्रा के जरिए
जुड़ने के
प्रयासों से
गरीबों के
बैंक खातों तक
लाभों का
प्रत्यक्ष
अंतरण हो रहा
है।
मंत्री
महोदया ने कहा
कि उनका
मंत्रालय हस्तशिल्प, हथकरघा
एवं रेशम उत्पादन
क्षेत्रों
में काम कर
रहे लगभग 20 लाख
अनुसूचित
जाति के लोगों
के कल्याण के
लिए विशेष
प्रयास कर रहा
है। उन्होंने
कहा कि सरकार
ने वर्क-शेड
के निर्माण के
लिए अनुसूचित
जाति के
बुनकरों को 100
प्रतिशत सब्सिडी
देने का
प्रयास किया
है।
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वीके/एसकेजे/एसकेपी
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(Release ID :60452)