इंडिया
कारपेट एक्सपो
का 31वां संस्करण
आज समाप्त हो
गया। इस एक्सपो
को कालीन
निर्यात
संवर्धन
परिषद ने आयोजित
किया, जिसका
उद्देश्य
सांस्कृतिक
विरासत को
बढ़ावा देना
और भारत के
हस्तनिर्मित
कालीन
कारीगारों के
बुनाई कौशल को
विदेशी हस्तनिर्मित
कालीन
खरीदारों के
बीच दर्शाना
था। नई दिल्ली
स्थित ओखला इंडस्ट्रियल
एस्टेट के
एनएसआईसी
प्रदर्शनी
परिसर में
आयोजित इस एक्सपो
में देश भर के 270
से भी ज्यादा
ख्याति
प्राप्त
छोटे, मझोले
एवं बड़े निर्माताओं-निर्यातकों
के उत्पादों
को प्रदर्शित
किया गया।
रिकॉर्ड संख्या
में तकरीबन 58
देशों के 410
विदेशी कालीन
खरीदार इस एक्सपो
में आये,
जिसमें इस
गांव आधारित
कुटीर
क्षेत्र ने
अच्छा व्यवसाय
किया। यह एक्सपो
कालीन
आयातकों और
निर्माता-निर्यातकों
को अनुकूल
कारोबारी
माहौल मुहैया
कराने संबंधी
परिषद के
प्रयासों का
एक हिस्सा
है, जिससे
अंतत: इस श्रम
बहुल उद्योग
में कार्यरत
तकरीबन 2
मिलियन बुनकर
एवं कारीगर
लाभान्वित
होंगे।
उपर्युक्त
एक्सपो का
उद्घाटन केन्द्रीय
कपड़ा मंत्री
श्री संतोष
कुमार गंगवार
द्वारा 11
मार्च, 2016 को
किया गया था।
इस एक्सपो का
उद्घाटन करते
हुए कपड़ा
मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय
बाजार में
भारतीय हस्तनिर्मित
कालीन उद्योग
के नम्बर वन
पायदान पर
विराजमान
रहने पर खुशी
एवं संतुष्टि
जताई थी। इस
दौरान उन्होंने
यह बात
रेखांकित की
थी कि कमजोर
वैश्विक
बाजार के
बावजूद
भारतीय हस्तनिर्मित
कालीन उद्योग
17 फीसदी
वार्षिक की दर
से आगे बढ़
रहा है। उन्होंने
भारतीय
निर्माताओं
एवं कारीगरों
के प्रयासों
की सराहना की
थी और यह आश्वासन
दिया था कि
भारत सरकार
कालीन उद्योग
तथा उसके
निर्यात
संबंधी
प्रयासों को हरसंभव
सहायता देने
का सिलसिला
जारी रखेगी।
कालीन
निर्यात
संवर्धन
परिषद
(सीईपीसी) के
अध्यक्ष श्री
कुलदीप आर.
वटल ने कहा कि
इस एक्सपो
में तकरीबन 260
करोड़ रुपये
से लेकर 300
करोड़ रुपये
तक का कारोबार
हुआ। उन्होंने
कहा कि इस साल
विकास दर डॉलर
के लिहाज से
तकरीबन 10-15
फीसदी और
रुपये के
लिहाज से 15-20
फीसदी रहने की
आशा है। उन्होंने
कहा कि इस एक्सपो
से उद्योग के
लिए नये बाजार
अवसर हासिल होंगे
और इससे छोटे
एवं मझोले
भारतीय कालीन
निर्यातकों
को विदेशों
में अपने उत्पादों
को प्रोत्साहित
करने में मदद
मिलेगी। उन्होंने
कहा कि यह
प्रक्रिया आखिरकार
विदेशी
बाजारों में
‘मेक इन
इंडिया’ ब्रांड
को प्रभावशाली
ढंग से पेश
करने में
सहायक साबित
होगी।
सीईपीसी
के अध्यक्ष
ने कहा कि
सरकार ने
वित्त वर्ष 2015-16
के लिए 10,000 करोड़
रुपये (1591
मिलियन
अमेरिकी डॉलर)
मूल्य के
कालीनों एवं
अन्य फ्लोर
कवरिंग्स के
निर्यात का
लक्ष्य रखा
है। उन्होंने
कहा कि इस
लक्ष्य को
हासिल किया
जायेगा। उन्होंने
यह भी कहा कि
इंडिया
कारपेट एक्सपो
दीर्घकालिक
व्यावसायिक
संबंधों को स्थापित
करने की
दृष्टि से
अंतर्राष्ट्रीय
कालीन
खरीदारों,
क्रय एजेंटों,
वास्तुकारों और
भारतीय कालीन
निर्माताओं एवं
निर्यातकों के
लिए एक आदर्श
प्लेटफॉर्म
है। पहली बार
इस एक्सपो
में 58 देशों ने
भाग लिया। इस
एक्सपो में जिम्बाब्वे, वियतनाम, फिलिस्तीन, बुल्गारिया, इजरायल, मिस्र, पोलैंड, यूक्रेन, मलेशिया, मॉरीशस, ताइवान, सर्बिया, कोलंबिया
और हंगरी जैसे
देशों के
खरीदारों ने
पहली बार भाग
लिया।
***
आरआरएस/वीके-1488