माननीय
प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र
मोदी की अध्यक्षता
में केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने
कपड़ा विनिर्माण
क्षेत्र में अतिरिक्त
रोजगार सृजित
करने के लिए टैक्स
और उत्पादन संबंधी
प्रोत्साहनों
को मंजूरी दी है।
यह वस्त्र और परिधान
क्षेत्र में रोजगार
सृजन तथा निर्यात
को बढ़ावा देने
के लिए सरकार द्वारा
आज घोषित विशेष
पैकेज में शामिल
विभिन्न उपायों
में से एक है।
घोषित किए
गए टैक्स और उत्पादन
संबंधी प्रोत्साहन
निम्नलिखित
हैं:
आयकर अधिनियम
की धारा 80जेजेएए
का दायरा बढ़ाना
कपड़ा
उद्योग के मौसम
आधारित स्वरूप
को देखते हुए आयकर
अधिनियम की धारा
80जेजेएए के तहत
240 दिनों के प्रावधान
में ढील देते हुए
इसे परिधान उद्योग
के लिए 150 दिन
कर दिया जाएगा।
एटीयूएफएस
के तहत अतिरिक्त
प्रोत्साहन
संशोधित-टीयूएफएस
के तहत गारमेंट
इकाइयों को प्रदान
की जाने वाली सब्सिडी को
15 प्रतिशत से
बढ़ाकर 25 प्रतिशत
किया
जा रहा है, जिससे
रोजगार
सृजन को बढ़ावा
मिलेगा। यह पैकेज
इनपुट आधारित
प्रोत्साहनों
के बजाय परिणाम
आधारित प्रोत्साहन
देने की दिशा में
एक अभिनव कदम
है। इस योजना की
एक अनूठी विशेषता
यह है कि इसके तहत
सब्सिडी तभी दी
जाएगी जब अपेक्षित
रोजगारों का सृजन
बाकायदा हो जाएगा।
.
कर्मचारी
भविष्य निधि योजना
संबंधी सुधार
भारत सरकार
प्रथम तीन वर्षों
तक कपड़ा उद्योग
के उन नए कर्मचारियों
के लिए नियोक्ता
भविष्य निधि योजना
के तहत नियोक्ता
के समस्त 12 फीसदी
योगदान का बोझ
खुद उठाएगी जो
प्रति माह 15,000 रुपये
से कम कमाते हैं।
यह प्रधानमंत्री
रोजगार प्रोत्साहन
योजना (पीएमआरपीवाई)
के तहत नियोक्ता
के योगदान के मद
में मुहैया कराए
जा रहे 8.33 फीसदी
के वर्तमान सरकारी
प्रावधान में
वृद्धि को दर्शाता
है। आज के निर्णय
के साथ ही वस्त्र
मंत्रालय नियोक्ता
के योगदान के मद
में शेष 3.67 फीसदी
हिस्सा मुहैया
कराएगा, जो अगले
3 वर्षों में 1,170 करोड़
रुपये बैठेगा।
तीन वर्षों
में प्रभाव
इससे तीन वर्षों
में निम्नलिखित
प्रभाव पड़ने
की संभावना है:
- निर्यात
में 2.6 अरब अमेरिकी
डॉलर
की वृद्धि
- रोजगारों
की संख्या में
12.25
लाख
की वृद्धि
- निवेश
में 7 अरब अमेरिकी
डॉलर
की वृद्धि
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आरआरएस-
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